Wednesday, January 23, 2013

युवा वही जो कर्म-क्षेत्र में डट जायें तो डट जायें

युवा वही जो कर्म-क्षेत्र में डट जायें तो डट जायें।
लाख हटाऐं तूफां उनको लेकिन वे ना हट पायें।

भरी आग हो परिवर्तन की, जिसमें से टपके ज्वाला।
क्रान्ति भरी हो नस-नस में, हो जाये उसमें मतवाला।
भरा हुआ हो नये जोश से, और नई आशाओं से।
बढ़े चलें पग, रुकें नहीं वे, सभी नई बाधाओं से।
बांध कफन तब बढ़े चलें वे, मर जायें या मिट जायें।
लाख हटाऐं तूफां उनको...........................।

राष्ट्र-कार्य का व्रत लेकर वे यदि निष्ठा से बढ़े चलें।
राष्ट्र-द्रोह की हर शक्ति से पग-पग पर वे भिड़े चलें।
नहीं बचेंगे तब ये कायर भारत मां के सीने पर।
बरसाना तब बम और गोले पाकिस्तान कमीने पर।
राष्ट्र-एकता मुख्य सूत्र है ना जाति में बंट जाऐं।
लाख हटाऐं तूफां उनको..........................।

अरेे युवा तुम शक्ति पुंज हो, राष्ट्र तुम्ही पर टिका हुआ।
मगर कष्ट यह शक्ति पुंज ही है आपस में बंटा हुआ।
राष्ट्र-एकता लक्ष्य मात्र मत जात-पांत की बात करो।
सिसक रहा है राष्ट्र प्रगति को क्यों तुम उस पर घात करो।
करो प्रयास यही मन से अब ना कैसे भी बंट पायें।
लाख हटाऐं तूफां उनको..........................।

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