है न कोई युद्ध बस अंगड़ाइयां है,
मत डरो यह आपकी परछांइयां हैं.
चीखता है दर्द से अब देश सारा,
लग रहा है चल पड़ी पुरबाइयां हैं.
आपकी इन महफिलों से ऊबता जी,
औ’ मनों में आज भी तनहाइयां हैं.
गीत गाओ रोटियों की बात ही क्या,
मौत सस्ती है बड़ी मंहगाइयां हैं.
जो उमड़ता है उसे दरिया न समझो,
यह समंदर है बड़ी गहराइयां हैं.
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